निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

इस कविता का केंद्रीय भावों अपने शब्दों में लिखिए।

सियाराम शरण गुप्त द्वारा कथात्मक शैली में प्रस्तुत कविता ‘एक फूल की चाह’ के माध्यम से समाज में व्याप्त एक कुरीति पर कुठाराघात किया है| कविता में दो ही मुख्य पात्र हैं। ये दोनों आपस में पिता और पुत्री हैं। यहां हम महामारी की चपेट में आई पुत्री सुकिया को तीव्र ज्वर होने पर वह अपने पिता से मंदिर पर चढाये प्रसाद के एक फूल की मांग करता पाते हैं। अछूत होने के कारण पिता पहले तो मंदिर जाने में हिचकता है लेकिन अपने बेटी की प्रबल इच्छा को देखते हुए उसे ऐसा करना पङता है। वहां पहचाने जाने पर वह पुजारी एवं उसके लोगों द्वारा पीटे जाने एवं दण्डित किये जाए पर ईश्वर से इसका जवाब चाहता है। वास्तव में कवि प्रस्तुत कविता में तत्कालीन भारतीय समाज की छूआछूत की कुरीति पर करारा व्यंग्य करता है। वह कविता के पात्र सुखिया के पिता के माध्यम से समाज की इस कुरीति की पोल खोलकर रख देता है कि कैसे धर्म के मामलों में कुरीति अपने पांव पसारकर उसे विषाक्त कर देती है।


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